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Introduction to Economics | Introduction to Statistics | XI Economics

 Introduction to Economics | Introduction to Statistics

11th Economics notes in Hindi, economics online class
11th Economics Notes in Hindi



अर्थशास्त्र की अवधारणा एवं अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का महत्व

अर्थशास्त्र क्या है ? (What is Economics ?)

एक बच्चे से लेकर एक वृद्ध मनुष्य तक, प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी आर्थिक क्रिया में लिप्त है। हम सभी उपभोक्ता है और अपनी आवश्यकताओं को संतुष्टि के लिए हम विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करते हैं। उपभोग एक महत्वपूर्ण आर्थिक क्रिया है ।
अर्थशास्त्र विषय को समझने से पहले निम्न कुछ महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समझना आवश्यक है ।

उपभोक्ता कौन है ? (Who is a Consumer ?)
उपभोक्ता एक वह व्यक्ति है जो अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए वस्तुओं तथा सेवाओं का उपभोग या प्रयोग करता है ।
उपभोग क्या है ? (What is Consumption ?)
उपभोग एक क्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि के लिए वस्तुओं और सेवाओं के उपयोगिता मूल्य का प्रयोग करता है । वस्तुओं के उपयोगिता मूल्य का अर्थ है, मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए वस्तुओं और सेवाओं की क्षमता । उदाहरण के लिए, जब हम कोल्ड ड्रिंक का उपभोग करते हैं तो हमारी प्यास मिटती है और हमें ठंडक प्राप्त होती है । कोल्ड ड्रिंक का यही गुण उसकी उपयोगिता मूल्य कहलाता है तथा उसको पीने की क्रिया उपभोग कहलाता है ।
उत्पादक कौन है ? (Who is a Producer ?)
उत्पादक वह व्यक्ति है जो आय अर्जित करने के लिए और लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओं और सेवाओं को उत्पादन तथा बिक्री करता है ।
उत्पादन क्या है ? (What is Production ?)
उत्पादन हुआ है प्रक्रिया है, जिसके द्वारा कच्चे माल को उपयोगी वस्तुओं या सेवाओं में परिवर्तित किया जाता है । वस्तुएं तभी उपयोगी होती है, जब उत्पादन-प्रक्रिया के सभी चरणों को पार कर लेती है व उपयोगिता मूल्य प्राप्त कर लेती हैं। उदाहरण के लिए, एक साइकिल निर्माता विभिन्न कल-पुर्जों को जोड़कर साइकिल का उत्पादन करता है । एक उपभोक्ता के लिए अकेले टायर या हैंडल का कोई उपयोग नहीं होता । अतः सभी कल-पुर्जे मिलकर जब एक संपूर्ण साइकिल बन जाती है, तभी वह उत्पाद कहलाती है और उसका उपयोगिता मूल्य होता है ।
बचत क्या है? (What is savings ?)
बचत आय का वह भाग है जिसका उपयोग नहीं किया जाता तथा भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्तमान आमें से बचा लिया जाता है । एक तरह से बचत उपभोग का त्याग या संयम की एक क्रिया है ।
निवेश क्या है? (What is Investment ?)
बचत का वह भाग जो परिसंपत्तियों (Assests) को खरीदने आदि में प्रयोग कर लिया जाता है, जो हमें अतिरिक्त आय प्रदान करता है, निवेश कहलाता है । उदाहरण के लिए एक उत्पादक अपने वर्तमान आय में से कुछ भाग बचाकर उसे नई मशीन खरीदने में प्रयोग कर लेता है, तो इसे निवेश कहते हैं । इससे उसको अतिरिक्त आय प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
आर्थिक क्रिया क्या है? (What is Economic Activity ?)
यह वह क्रिया है जिसका संबंध दुर्लभ साधनों के प्रयोग से हैं । आवश्यकताओं की तुलना में साधन सदैव दुर्लभ होते हैं। हम क्रियाओं को दो भागों में बांटते हैं-
i) आर्थिक क्रिया-आर्थिक क्रिया वह क्रिया होती है जिसके बदले में मनुष्य को कुछ प्रतिफल (Reward) प्राप्त होता है । यह नगद के रूप में भी हो सकता है तथा किसी वस्तु या सेवा के रूप में भी । उदाहरण के लिए एक अध्यापक का विद्यालय में जाकर पढ़ाना | इसके बदले में उसे वेतन की प्राप्ति होती है । एक डॉक्टर द्वारा मरीज को देखना | इसके बदले में उसे फीस प्राप्त होती है ।
ii) अनार्थिक या गैर-आर्थिक क्रियाएं- अनार्थिक या गैर-आर्थिक क्रियाएँ वे क्रियाएँ होती हैं, जिसके बदले में मनुष्य को कुछ प्रतिफल प्राप्त नहीं होता । उदाहरण के लिए एक अध्यापक का खुद के बच्चों को पढ़ाना या एक गृहणी का स्वयं अपने घर में काम करना । क्योंकि इन्हें इन कामों के लिए कोई वेतन,फीस इत्यादि नहीं मिलता | इसलिए इन्हें गैर- आर्थिक क्रियाएं कहा जाता है ।

आर्थिक समस्या क्या है ? (What is Economic Problem ?)

मनुष्य की आवश्यकताएं असीमित होती हैं परंतु उन्हें पूरा करने वाले साधन सीमित होते हैं । अतः मनुष्य को अपनी समस्त आवश्यकताओं में से कुछ महत्वपूर्ण आवश्यकताओं का चुनाव करना पड़ता है तथा शेष आवश्यकताओं का त्याग करना पड़ता है । इस चुनाव की समस्या को ही आर्थिक समस्या कहा जाता है । उदाहरण के लिए किसी के पास ₹100 है | वह इन ₹100 से पिज़्ज़ा खा सकता है या अपनी पुस्तके ले सकता है या डॉक्टर के पास जाकर अपनी दवाई ले सकता है | अतः उस व्यक्ति को चुनाव करना पड़ता है कि वह अपनी किस आवश्यकता को पूरा करें और किस आवश्यकता का त्याग करे

अर्थशास्त्र क्या है?

अर्थशास्त्र, आर्थिक समस्याओं का अध्ययन है जिनका हमें इसलिए सामना करना पड़ता है, क्योंकि हमारी आवश्यकताएं असीमित है । जबकि हमारे साधन दुर्लभ होते हैं और इन साधनों के वैकल्पिक उपयोग होते हैं । यदि दुर्लभता ना होती तब कोई आर्थिक समस्या भी ना होती और यदि कोई आर्थिक समस्या ना होती तो अर्थशास्त्र भी नहीं होता ।
रॉबिन्स  के अनुसार, अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो वैकल्पिक उपभोग वाले सीमित साधनों तथा उद्देश्यों से संबंध रखने वाले मानव व्यवहार का अध्ययन करता है ।

अर्थशास्त्र के घटक
अर्थशास्त्र के तीन घटक होते हैं –उपभोग, उत्पादन तथा वितरण ।
1-उपभोग
उपभोग के अंतर्गत मनुष्य की अपनी आवश्यकता की संतुष्टि के लिए विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के उपभोक्ताओं तथा क्रेताओं के रूप में मानव जाति के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है । एक उपभोक्ता के रूप में लोगों के साधन सीमित होते हैं जबकि उनकी आवश्यकताएं असीमित होती हैं । उदाहरण के लिए एक गृहस्थ की सीमित होती है । उसे यह चुनाव करना पड़ता है कि अपने वेतन का कितना भाग वह भोजन, वस्त्र, मनोरंजन आदि में प्रयोग करेगा । जब हम मानक संबंध का एक निश्चित स्तर स्थापित कर लेते हैं, जो यह व्याख्या करता है कि उपभोक्ता किस प्रकार से व्यवहार करते हैं तो हम इसे उपभोग सिद्धांत कहते हैं |

2-उत्पादक
एक उत्पादके भी साधन सीमित होते हैं । जबकि उसे अपने फर्मों और कारखानों के लिए उन्हें अनेक प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं का चयन करना पड़ता है । ऐसी दशा में एक उत्पादक संयोगों का चयन करता है जो कम खर्चीले  हो जिससे उसके उत्पादन की लागत न्यूनतम हो सके । ऐसा करने से ही उसे अधिकतम लाभ की प्राप्ति होगी । उत्पादक के इस व्यवहार का अध्ययन जब मानव संबंधों का एक निश्चित स्तर स्थापित करने के बाद, जब यह  उत्पादकों का व्यवहार अथवा उसके उत्पादन निर्णयों की व्याख्या करता है, तब हम इसे उत्पादन सिद्धांत कहते हैं ।

3-वितरण
अर्थशास्त्र के अनुसार किसी भी वस्तु का उत्पादन करने के लिए चार कारकों की आवश्यकता होती है-भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमी । जब उत्पादक अपना उत्पाद बेचकर आय प्राप्त करता है तो इस आय को इन चार कारकों में इनके अनुपात में बाँटा जाता है । भूमि को अपने प्रयोग के बदले में लगान, श्रम को मजदूरी, पूंजी को ब्याज तथा उद्यमी को लाभ प्राप्त होता है । उत्पादन के कारकों के स्वामियों के बीच आयह वितरण किस प्रकार होता है, इस अध्ययन को ही अर्थशास्त्र में वितरण का सिद्धांत कहा गया है ।

व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics and Macro Economics)
अध्ययन की सरलता से, अर्थशास्त्र का अध्ययन करने के लिए इसे दो भागों में बांटा गया है- व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र | व्यष्टि अर्थशास्त्र उन आर्थिक मुद्दों अथवा आर्थिक समस्याओं से संबंधित है, जिनका संबंध एक परिवार, एक फर्म या एक उद्योग जैसी व्यष्टि आर्थिक इकाईयों को सामना करना पड़ता है ।
इसके विपरीत, समष्टि अर्थशास्त्र में संपूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक मुद्दों अथवा आर्थिक समस्याओं पर विचार किया जाता है ।
Note : व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र के संबंध में विस्तृत जानकारी कक्षा 12वीं में दी जाएगी ।


यदि आपको उपरोक्त में कोई शंका या सवाल है तो आप हमें कमेंट कर सकते है |
~Admin

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